बड़ी संख्या में “भौतिकी के सिद्धांत” हैं, जो दशकों से वैज्ञानिकों को हैरान कर रहे हैं। उनमें से एक है “क्या ब्रह्मांड भौतिकी(physics) के नियमों द्वारा शासित है?
जैसे ➡ सापेक्षता के नियम यानि laws of relativity, जो कि गणितीय समरूपता के अनुसार प्रभाव, गुरुत्वाकर्षण के मानक मॉडल के मूलभूत बलों में से एक को परिभाषित करते हैं, quantum mechanics के कानून, कणों के मजबूत मौलिक बल जो व्यवहार और प्रभाव बताते हैं।
या शायद हर चीज का सिद्धांत हैं।
भौतिकी के कानून (laws of physics)
हम स्वाभाविक रूप से सोचते हैं कि भौतिकी के कानून(laws of physics) ब्रह्माण्ड के सभी घटनाओं को निर्धारित करते हैं, लेकिन क्या होगा यदि घटनाएं भौतिक विज्ञान के नियमों को निर्धारित करती हों?
बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो सोच रहे होंगे कि ब्रह्मांड किसी तरह गणित पर आधारित है। लेकिन हमारे अनुसार, गणित एक ऐसी चीज है जो मानव द्वारा विकसित की गई है, मानव जो कि ब्रह्मांड के ही हिस्से हैं। उस स्थिति में गणित भी ब्रह्मांड का हिस्सा है। यह ब्रह्मांड के लिए बाहरी नहीं है जो ब्रह्मांड का मार्गदर्शन करता हो।
लेकिन संभव गणितीय प्रणालियों में भिन्नता अंतहीन लगती है। इस वजह से, यह आश्चर्यजनक नहीं होना चाहिए कि प्रकृति में कई चीजें गणित के एक या अधिक प्रणालियों द्वारा अच्छी तरह से अनुमानित की जा सकती हैं। यह ब्रह्मांड के विशेष भागों में ब्रह्मांड के संदर्भ के रूप में गणित का उपयोग कर रहा है। गणित इस प्रकार है। यह नेतृत्व नहीं करता है।
संस्कृत शब्दों के अनुसार
संस्कृत शब्दों के अनुसार संस्कृत वर्णमाला सृष्टी की गहरी समझ से आती है, क्योंकि ये भाषा बोलचाल के लिए नहीं थी। यह केवल बोलचाल के लिए हमारे द्वारा बनाई गयी भाषा नहीं है। इस भाषा को लोगों ने अपने अस्तित्व से ही निकाला है, इस भाषा का विकास सृष्टी को देख कर हुआ न की कल्पना करके। कई मायनों मे जिन ध्वनियों का आप उच्चारण करते हैं, और जिन आकारों का जिक्र करने के लिए आप इन ध्वनियों का उपयोग करते हैं ये जुड़े हुए हैं। इसलिए संस्कृत में जो मंत्र होते हैं उनके भी यही अर्थ हैं, एक शुद्ध ध्वनी। अब इसका physics से क्या सम्बन्ध है? चलिए जानते हैं।
physics मे sounds के सिद्धांत के अनुसार, अगर आप oscilloscope मे sound डालते हैं, तो उस आवाज़ की frequency, applitude और बाकि पैमानों के हिसाब से ये यंत्र हर बार आपको एक खास अकार दिखायेगा। तो एक ध्वनि के साथ एक रूप जुड़ा होता है, इसी तरह से एक रूप के साथ एक ध्वनि जुडी होती है। इसके आधार पर हम कह सकते हैं कि ब्रह्माण्ड मे हर ध्वनि के साथ कोई न कोई रूप यानि वस्तु जुडी होगी। अगर हम इन ध्वनिओं को खोज कर उस वस्तु का अनुमान लगा सकते हैं, तो यहाँ पर physics के नियमों का प्रयोग हो रहा है।
भौतिकी(physics) के क्षेत्र
भौतिकी के क्षेत्र, जो सबसे अच्छी तरह से विकसित किए गए थे, वे इस अर्थ में अपेक्षाकृत सरल थे कि, गणित का अनुमान लगाकर अनुकूलित किया जा सकता है कि क्या होगा। भौतिक ब्रह्मांड में अभी भी बहुत सारी चीजें हैं जो गणित के साथ अच्छी तरह से मॉडल नहीं की गई हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमने अभी तक सही गणित का पता नहीं लगाया है या इसका आविष्कार नहीं किया है जो उपरोक्त प्रश्नों का उत्तर दे सकता है। जैसे की, क्या हम एक simulated ब्रह्माण्ड मे रह रहें हैं?और हम सपने क्यों देखते हैं?
भौतिकी क्या कहती है।
भौतिक विज्ञान कानून, या वैज्ञानिक कानून एक सैद्धांतिक कथन है, जिसे किसी विशेष तथ्य से लिया जाता है, जो परिभाषित समूह या घटना के वर्ग पर लागू होता है, और इस कथन द्वारा व्यक्त किया जाता है, कि एक विशेष घटना हमेशा होती है, यदि कुछ शर्तें मौजूद हैं। “भौतिक कानून आमतौर पर निष्कर्ष आधारित होते हैं। कई वर्षों में दोहराये गए वैज्ञानिक प्रयोगों और टिप्पणियों पर, और जो वैज्ञानिक समुदाय के भीतर सार्वभौमिक रूप से स्वीकार किए जाते हैं।
जैसा कि हम जानते हैं कि हमारे वैज्ञानिक लगातार अधिक से अधिक उन्नत विज्ञान विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि वे इन सवालों के जवाब पा सकें।
निष्कर्ष पर, अगर एक दिन हम जवाब जानते हैं तो क्या होगा?
स्रोत
इस लेख के प्रकाशन की तिथि: 9 अगस्त, 2019 और अंतिम संशोधित(modified) तिथि: 20 फ़रवरी, 2021